देहरादून 9 जुलाई
गजेंद्र सिंह
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अध्यक्षता में आज उत्तराखंड भाषा संस्थान देहरादून की साधारण सभा एवं प्रबंधन कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ बुद्धिजीवियों विद्वानों एवं साहित्यकारों की कर्मभूमि रही है। उन्होंने कहा कि हमें राजभाषा के साथ ही स्थानीय बोली भाषाओं के प्रचार प्रसार पर कार्य करना होगा। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यकारों के लिए लाईफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन से जोड़ते हुए प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकारों की ग्रामों को साहित्य ग्राम के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। जिससे साहित्य लेखन से जुड़े देसी विदेशी पर्यटक को इसका लाभ मिल सके। इन आदर्श ग्रामों को स्थानीय स्तर पर गठित समिति के माध्यम से संचालित किया जाए और कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान के अंतर्गत बाल साहित्य को भी जोड़ा जाए। शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा एनसीआरटी के से समन्वय बनाते हुए स्थानीय बोली भाषाओं में कहानी लघु कथा एवं नाटक आदि को छोटे बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल कराया जाए। साथ ही उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान के अंतर्गत ऐसे वरिष्ठ साहित्यकार जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। उनके लिए सम्मान धनराशि को एक लाख से बढाकर 1 लाख 51 हजार रुपए किए जाने की बात कही। बैठक में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तराखंड मदरसा बोर्ड एवं उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किए जाने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई। इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, विनोद रातूडी, निदेशक उत्तराखंड भाषा संस्थान स्वाति भदौरिया, कुलपति दून विश्वविद्यालय डॉ सुरेखा डंगवाल, कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री, नरेंद्र सिंह नेगी, डॉक्टर सुधारानी पांडे, डॉक्टर हरी सुमन बिष्ट, प्रोफेसर सिंह देव पोखरियाल, प्रोफेसर नवीन चंद लोहनी, प्रोफेसर मृदुला जुगरान, सहित प्रबंध कार्यकारिणी के अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।