ऋषिकेश 12 अगस्त
गजेंद्र सिंह
वीर अमर शहीद प्रदीप रावत की 6वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इसमें क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
सोमवार को पुरानी चुंगी निकट परशुराम चौक पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि 10 अक्टूबर 1990 को सैनिक कुंवर सिंह रावत के परिवार में हुआ। तीन बहनों के एकलौते भाई प्रदीप ने प्रारंभिक शिक्षा भगवती देवी पूर्णानंद महाराष्ट्र निवास सरस्वती शिशु मंदिर से की। कहा कि इसके बाद कक्षा छह से उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर आवास विकास तथा 12वीं की परीक्षा उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से उत्तीर्ण की। 19 मार्च 2010 में उन्होंने सेना में दाखिला पाया। 10 अक्टूबर 2013 को स्पेशल फ्रन्टियर फोर्स में उनका चयन किया। कहा कि 02 अप्रैल 2017 में उनकी तैनाती उड़ी सेक्टर में हुई। इसके बाद 12 अगस्त 2018 को वह सीमा पर शहीद हो गए। डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, चाहे कोई भी चुनौती क्यों न हो, देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है जो अपने सदियों पुराने मूल्यों में विश्वास करता है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन अपने हितों की रक्षा के लिए हम नियंत्रण रेखा पार करने में संकोच नहीं करेंगे। पहले देश और सशस्त्र बलों में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार ने इस कमी को दूर कर दिया है। हम अपनी सेनाओं के साथ मजबूती से खड़े हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमें सदैव सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। सैनिकों के योगदान को सदा स्मरण करना चाहिए, उन्हीं की वजह से हम अमन से रह पाते है। हम सभी को सैनिकों से प्रेरणा लेना चाहिए और अपने कार्य को देश की प्रगति में लगाना चाहिए। डॉ अग्रवाल ने कहा कि जीवन में अनुशासन का सही उदाहरण देखना हो तो एक सैनिक से अवश्य मिलें। उनका अपने देश के लिए पागलपन देखते बनता है। उनका अनुशासन उन्हें अपने घर-परिवार से दूर तो रखता ही है, साथ ही साथ भोजन, नींद और आराम को भी त्यागना पड़ता है। वाकई यह किसी तपस्या से कम नहीं। डॉ अग्रवाल ने कहा कि जिस घर, परिवार से सैनिक निकलते हैं, वह घर और परिवार पूजनीय होता है। उस परिवार पर ईश्वर की विशेष कृपा होती है। कहा कि हमीर ने देश सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, ऐसे सच्चे देशभक्त समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनते है। कहा कि हमीर आज हमारे दिलों और दिमाग में आज भी जिंदा हैं। इस मौके पर शहीद की माता उषा देवी, पिता कुँवर सिंह रावत, पत्नी नीलम, बेटी प्रतिष्ठा, बेटा प्रतीक, चाचा भगवान सिंह, वीर सिंह, बहनें अनिता, विनीता, सुषमा आदि मौजूद थे।