ऋषिकेश 10 अक्टूबर
गजेंद्र सिंह
सुभाष बनखंडी की रामलीला में छठवें दिन शबरी मिलन, राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध, अशोक वाटिका, रावण-हनुमान संवाद और लंका दहन तक की लीला दिखाई गई। इस दौरान मुरादाबाद के कलाकारों के मंचन को दर्शकों ने खूब सराहा। लीला के प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि श्री राम सीता माता की खोज करते हुए शबरी की कुटिया में पहुंचते हैं यहां शबरी उनका स्वागत झूठ बेर करती है, जिसको राम खुशी मन से स्वीकारते हैं। इसके बाद दूसरे दृश्य में दिखाया कि सुग्रीव वनवासी वेश में राम और लक्ष्मण को देख कर घबरा जाते हैं और उनकी असलियत जाने के लिए पवन पुत्र हनुमान को भेजते है।
लीला के तीसरे दृश्य में दिखाया गया कि श्री राम और सुग्रीव की मित्रता होती है श्री राम मित्र का वचन निभाते हुए सुग्रीव के भाई बाली का वध करते हैं। चौथे दृश्य में हनुमान जी अशोक वाटिका में प्रवेश कर सीता माता की सुधि प्राप्त कर लेते है। इसके बाद रावण का अशोक वाटिका में अपनी पत्नी मंदोदरी के साथ प्रवेश होता है। रावण माता सीता को बहुत प्रलोभन देकर लंका की रानी बनाने का प्रस्ताव देता है, जिसे माता सीता मना कर देती है। अंत में थकहार कर रावण अशोक वाटिका से चला जाता है। इसके बाद हनुमान जी माता सीता को श्रीराम की भेजी गई मुद्रिका दिखाते हैं, जिसे माता सीता पहचान लेती है। इसके बाद हनुमान जी को जब भूख लगती है तो वह अशोक वाटिका में उथल पुथल मचा देते है, जिस पर रावण का छोटा पुत्र अक्षय कुमार वहां पहुंचता है, जिसे हनुमान जी मौत के घाट उतार देते हैं। इसके बाद रावण का पुत्र मेघनाथ वहां पहुंचता है और हनुमान जी को ब्रह्मफास में बांधकर रावण के समक्ष दरबार में ले जाता है। यहाँ रावण और हनुमान जी का संवाद होता है, रावण क्रोधित होकर हनुमान जी की पूंछ पर आग लगाने का आदेश देता है, इस पर हनुमान जी अपनी पूंछ को लंबी कर देते है और अंत में समस्त लंका में आग लगाकर अपनी पूंछ की आग को समुद्र में जाकर बुझा देते हैं। इस मौके पर कमेटी अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाड़ी, हुकुम चंद, निर्देशक मनमीत कुमार, बाली पाल, अशोक मौर्य, सुरेंद्र सिंह, संजय शर्मा, मिलन कुमार, नित्यानंद शर्मा, ललित शर्मा, दीपक जोशी, पवन पाल, मयंक शर्मा, विनायक कुमार आदि उपस्थित थे।