ऋषिकेश 31 अगस्त
गजेंद्र सिंह
ब्रह्मलीन स्वामी ईश्वर दास महाराज फलारी बाबा को विरक्त वैष्णव मंडल अखिल भारतीय संत समिति ऋषिकेश, श्री रामा नन्दीय श्री वैष्णव मंडल हरिद्वार से आए हुए सभी संतों ने अपनी-अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
ब्रह्मपुरी स्थित भैरन्ट बाबा आश्रम श्री गोपाल कुटी में फलारी बाबा ईश्वर दास महाराज को समस्त संत और समाज से जुड़े विभिन्न वर्गों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान अखंड रामचरितमानस का पाठ भी किया गया। भैरन्ट बाबा गोपाल कुटीर आश्रम फलारी बाबा के उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता उन्नाव सांसद सच्चिदानंद साक्षी महाराज के द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि फलारी बाबा ने अपने संपूर्ण जीवन को आध्यात्मिक चिंतन और धर्म प्रचार में लगाया। और गुरु परंपरा के साथ अपने शिष्यों को सनातन धर्म की ध्वजा को पूरे विश्व में फैलने का कार्य किया। फलारी बाबा प्रत्यक्ष रूप से भले ही हमारे साथ में नहीं है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप में वह हमारे साथ विराजमान है। उनके बताएं कार्यों को शिष्य पूरा करेंगे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही राज सत्ता के बजाय धर्म की सत्ता ही प्रमुख रही है। इसी विरासत को उन्होंने विश्व भर में पहचान दी। दुनिया को वेद व उपनिषदों के ज्ञान से परिचित कराया निश्चित ही उनके शिष्य व अनुयायी भी उनकी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। कार्यक्रम का संचालन तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने किया। इस अवसर पर अयोध्या मथुरा काशी ऋषिकेश हरिद्वार और अन्य क्षेत्रों से आए हुए संत अ०भा० श्री पंच निर्मोही अग्नि अखाड़ा महामंडलेश्वर भैया जी महाराज, विराट वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर वृंदावन दास महाराज, महामंडलेश्वर विष्णु दास, श्री महंत दुर्गादास महाराज, श्री महंत अरुण दास महाराज, युवराज संत गोपालाचार्य महाराज, तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, भारत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत पवन दास, महंत शंकर दास, महंत सूरज दास, महंत चक्रपाणि दास, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, महंत सर्वेश्वर दास, महंत सुरेश दास, महंत प्रमोद दास, नगर निगम की पूर्व महापौर श्रीमती अनीता मंमगाई, महंत छोटन दास, आलोक हरी, महंत पहलाद दास, महावीर दास राम चौबे आदि मौजूद रहे।