ऋषिकेश 18 जून
गजेंद्र सिंह
निर्जला एकादशी के अवसर पर त्रिवेणी घाट में श्रद्धालुओं ने लगाई मां गंगा में डुबकी, किया अपने पूर्वजों के लिए दान।
मंगलवार को त्रिवेणी घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा में डुबकी लगाई और किया अपने पूर्वजों के लिए सुराई और पंखे दान। इस अवसर पर बिहार से आए हुए पंडित जीतवाहन मिश्रा ने बताया कि निर्जला एकादशी का बड़ा महत्व है। निर्जला एकादशी का व्रत लेने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने भीम को कहा था। उन्होंने बताया कि पांच पांडवों में भीम ऐसे थे, जिन्हें सबसे ज्यादा भूख लगा करती थी। और वह काफी अन्न खाया करते थे। इस कारण भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें एक दिन का निर्जला व्रत लेने के लिए कहा, ताकि उनके पुण्य लोग बना रहे, तभी से निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाता है।
इस दिन पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में दान-पुण्य किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पर दान करने पर पूर्वजों को इसका फल मिल जाता है, बताया कि निर्जला एकादशी का दिन गर्मियों में आने के कारण पूर्वजों के लिए सुराई में जल भरकर और पंखे को दान किया जाता है। साथ ही वस्त्र और अन्न भी दान किये जाते हैं।