ऋषिकेश 22 जून
गजेंद्र सिंह
ऋषिकेश ब्रह्मपुरी के पास श्रीराम तपस्थल आश्रम के गंगा तट पर राम गुफा है। जहां पर भगवान राम ने अपने अंतिम समय में तपस्या की थी, और इसी गुफा के पास में हनुमान शिला है, जिस पर बैठकर हनुमान जी श्रीराम की सेवा में तत्पर रहते थे। इस रहस्यमयी स्थल के बारे में बताते हुए, आश्रम के महाराज महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने कहा कि कर्नाटक के एक भक्त के सपने में हनुमान जी आए और हनुमान जी ने उस भक्त को कहा कि ऋषिकेश में राम गुफा के पास में हनुमान शिला है। उस शिला के नीचे मेरी चरण पादुका स्थापित करो, जिससे तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। इस सपने को गंभीरता से लेते हुए वह भक्त 2 क्विंटल की चरण पादुका को लेकर आश्रम में आया और हनुमान शीला के नीचे स्थापित किया।
राम गुफा का पौराणिक रहस्य
राम गुफा के पौराणिक रहस्य के बारे में आश्रम के महाराज महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने बताया कि जब भगवान राम ने रावण का वध किया। तो उन्हें ब्रह्म हत्या का दोष लग गया। इस दोष का निवारण करने के लिए भगवान राम ने इस गुफा में 12 वर्ष तपस्या की। और ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त हो गये।
मां गंगा का शांत बहने का रहस्य
राम गुफा के 1 किलोमीटर के दायरे में गंगा का शांत बहने के रहस्य के बारे में महाराज जी ने बताया कि त्रेतायुग में जब भगवान राम इस गुफा में तपस्या कर रहे थे। तो गंगा के जल के शोर से उनकी तपस्या में विघ्न आ रहा था। ऐसे में भगवान राम यहां से जाने लग गए, तो गंगा मां प्रकट हुई और कहा कि प्रभु यह स्थान आपके लिए उत्तम है। आप इस स्थान को छोड़कर ना जाएं, मेरा जल का बहाव अब शोर नहीं करेगा, तब से आज तक राम गुफा के 1 किलोमीटर के दायरे में गंगा बिना शोर किए हुए शांत अवस्था में बहती है।