ऋषिकेश 26 जुलाई
गजेंद्र सिंह
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मार्गदर्शन में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में परमार्थ निकेतन में आयोजित तीन दिवसीय ऊर्जा संचय समागम शिविर का आज हुआ समापन।
इस समागम का सैकड़ो परिवारों ने लाभ उठाया। इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि पहली बार हमें तीन दिनों के लिए उत्तराखंड में आने का अवसर मिला, और कहा कि परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में स्वामी जी के पावन सानिध्य में 600 साधकों ने गंगा जी के तट पर बैठकर ऊर्जा संचय कर अपने विकारों की मुक्ति के लिए अनुष्ठान किया। ऐसी विशिष्ट साधना जो विलुप्त हो रही पद्धति के माध्यम से व्यक्ति साधना के बल पर अपने विकारों से मुक्त होकर अपने जीवन को बदल सकता है। ध्यान साधना के द्वारा जीवन में प्रसन्नता व प्रभु को प्राप्त करने का मार्ग प्राप्त कर सकता है, बॉडी डिटॉक्स पर पूरी दुनिया में बहुत स्थान पर कार्य हो रहा है परंतु हमने ब्रेन डिटॉक्स पर कार्य किया है पहली बार बागेश्वर धाम में हमने ब्रेन डिटॉक्स के लिए ऊर्जा संचय समागम का आयोजन किया था। दूसरी बार स्वामी जी के आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन में आयोजित किया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन सभी लोग सत्य के मार्ग पर चलने लगेंगे उसी दिन हमारा देश विश्व गुरु हो जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पीठ भी थपथपाई और चारों धामों के मंदिरों की कॉपीराइट पर कानून बनाने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हम सबके कल के लिए आने वाले कल के लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए जिन्होंने अपना आज दे दिया है सब दे दिया है सर्वस्व दे दिया है उन शहीदों को नमन करता हूं। कहा कि कारगिल विजय दिवस शौर्य की स्वर्णिम गाथा है कारगिल विजय दिवस भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे जवानों को समर्पित है। इस अवसर पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और स्वामी चिदानंद सरस्वती ने शहीदों की स्मृतियों में रुद्राक्ष का पौधा रोपा और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।