

ऋषिकेश 5 जनवरी
गजेंद्र सिंह
कुम्भ मेला भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह महापर्व न केवल हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक उत्सव है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कुम्भ मेला हमें अपनी संस्कृति की महानता, हमारे धर्म के प्रति आस्था, और हमारे कर्मों के महत्व को दर्शाता है। यह पर्व हमें अपने जीवन को शुद्ध करने, अपने कर्मों को बेहतर बनाने, और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने का अवसर प्रदान करता है।औऔ
स्वामी जी ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे कुम्भ मेला का हिस्सा बनें और इस अद्भुत महापर्व में अपनी आस्था और धर्म के प्रति प्रतिबद्धता को प्रकट करें। कुम्भ मेला हम सभी के लिए एक अद्वितीय अवसर है, जहां हम अपनी आस्था, संस्कृति, और परंपराओं को पुनः जगा सकते हैं।
