


ऋषिकेश 02 मई
गजेंद्र सिंह
तपोवन स्थित स्वामी समर्पण आश्रम के अध्यक्ष स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती महाराज के द्वारा विश्व शांति के लिए पंचाग्नि साधना की जाती है। इस साधना को करने से काम, क्रोध, मोह, लोभ और माया का नाश हो जाता है।
तप नगरी ऋषिकेश में विश्व शांति के लिए पंचाग्नि साधना एकमात्र संत स्वामी समर्पणानन्द महाराज द्वारा की जाती है इस साधना को करने से मानव सभी क्लेशों से मुक्त हो जाता है और इस साधना में देश-विदेश के साधक जुड़ते हैं जिससे सभी साधक विश्व में शांति का संदेश पहुंचाते है यह साधना बड़ी कठिन होती है इस साधना में चार अग्निकुंड के बीच में बैठकर तपती धूप में की जाती है
इस साधना के बारे में जानकारी देते हुए स्वामी समर्पणानन्द महाराज ने बताया कि यह साधना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है उन्होंने बताया कि इस साधना को करने से शिव की प्राप्ति होती है और जैसे शिव पंचकलेशों से मुक्त थे वैसे ही इस साधना को करने वाला भी मुक्त हो जाता है यह साधना 2017 से हर वर्ष 14 जनवरी मकर संक्रांति से प्रारंभ होती है और मई में इसका समापन होता है इस वर्ष इस साधना का समापन स्वामी समर्पण आश्रम तपोवन में 11 मई को किया जाएगा इस दौरान ऋषिकेश के सभी साधु संतों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।