

ऋषिकेश 11 फरवरी
गजेंद्र सिंह
तपोवन स्थित स्वामी समर्पण आश्रम घुगतानी में बीते 14 जनवरी से आयोजित स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज के पंचाग्नि यज्ञ साधना में तुलसी मानस मंदिर के मंहत रवि प्रपन्नाचार्य शामिल हुए। उन्होंने यज्ञ कुंड समीप बैठकर करीब एक से दो घंटे तक साधना की। उसके बाद उन्होंने यज्ञ में आहूति डाली। इस दौरान यज्ञ साधना कर रहे स्वामी समर्पणानंद सरस्वती ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
स्वामी समर्पणानंद सरस्वती ने बताया कि यह साधना साधक चार अग्नि कुंड के बीच में बैठकर बड़ी कठिनाइयों के साथ होता है। यह साधना माता पार्वती ने शिव तत्व में विलीन होने के लिए की थी। इस साधना से साधक को ब्रह्मज्ञान का साक्षात्कार होता है। जीवात्मा की संसार से मुक्ति हो जाती है। यह साधना छान्दोग्य, उपनिषद, शैव दर्शन, अग्नि पुराण, तंत्र शास्त्र, अघोरी विद्या में पाया गया है। मंहत रवि प्रपन्नाचार्य ने बताया कि यह कठिन साधना योगनगरी में केवल स्वामी समर्पणानंद सरस्वती ही करते हैं। वे बीते आठ वर्षों से इस साधना को करके विश्व कल्याण की कामना करते हैं। सनातन धर्म में यह साधना बहुत ही जटिल और कठिन साधना है। यह साधना गरमी बढ़ने पर और भी कठिन हो जाती है।
