

ऋषिकेश 16 फरवरी
गजेंद्र सिंह
ऋषिकेश में योग श्री पीठ के परम पूज्य स्वामी आदित्य तीर्थजी महाराज ने कल ब्रह्मलीन होकर अपनी दिव्य आत्मा को माँ आदि शक्ति में विलय कर दिया। उनका जल समाधि संस्कार गंगा जी में संपन्न हुआ।
स्वामी आदित्य तीर्थजी महाराज एक पूर्णतः मुक्त आत्मा थे, जिन्होंने उत्तरायण के शुभ काल में ब्रह्मलोक में विलय प्राप्त किया। उनका संपूर्ण जीवन माँ दुर्गा भवानी एवं माँ पारास्वरी त्रिपुरा सुंदरी आदि शक्ति की आराधना को समर्पित रहा।
वे दंडी स्वामी शंकराचार्य परंपरा के महान संत थे, जिन्होंने श्री विद्या साधना की पूर्ण (षोडशी) और शास्त्रोक्त प्रणाली से दीक्षा प्रदान की। उनकी दिव्य उपस्थिति, आध्यात्मिक ज्ञान और माँ आदि शक्ति के प्रति उनकी निष्ठा युगों तक साधकों को प्रेरित करती रहेगी।
स्वामी समर्पनानंद सरस्वती ने स्वामी आदित्य तीर्थजी महाराज के महासमाधि में विलय पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी दिव्य आत्मा के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि स्वामी आदित्य तीर्थजी महाराज का जीवन और उनकी शिक्षाएँ हमेशा उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।
