


ऋषिकेश/तपोवन 02 मई
गजेंद्र सिंह
आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती स्वामी समर्पण आश्रम तपोवन में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती ने संदेश दिया कि आदि गुरु शंकराचार्य केवल एक महान संत नहीं थे बल्कि सनातन धर्म के बड़े प्रचारक और ज्ञान भक्ति के अव्दितीय संगम थे। अव्दैत वेदांत के अद्भुत व्याख्याता थे उन्होंने कहा कि उनका जीवन इस धरती पर एक अवतरण है। और लगभग 12 सौ वर्ष पूर्व उनका जीवन जन्म हुआ था बताया कि शंकराचार्य ने संदेश दिया कि ब्रह्म ही सत्य है और यह संपूर्ण संसार उसे सत्य की अभिव्यक्ति है और शंकराचार्य ने उपनिषद, भागवत गीता और ब्रह्म सूत्र पर अमूल्य भाष्य लिखकर पूरे संसार को एक आध्यात्मिक शक्ति प्रदान की। भारतवर्ष की चारों दिशाओं में मठों की स्थापना कर एक राष्ट्र को आध्यात्मिक धागे में फिरोया उनके जीवन की प्रेरणा आज भी उस पथ के पथिकों को संबल देती है साथ ही स्वामी जी ने बताया कि शंकराचार्य की जयंती केवल एक पूण्यस्मरण नहीं बल्कि यह अवसर है उनके जीवन दर्शन को अपने भीतर उतारने का और हर मनुष्य को आत्म चिंतन साधना और ज्ञान पर अग्रसर होना चाहिए। इस पावन दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि न केवल उनके विचारों को श्रद्धा से नमन करें बल्कि जीवन में अव्दैत सत्य की अनुभूति का लक्ष्य बनाएं।