

ऋषिकेश 15 जनवरी
गजेंद्र सिंह
हर वर्ष के भांती इस वर्ष भी स्वामी समर्पण आश्रम घुगतानी तपोवन मे 14 जनवरी से गुरुजी परमहंस अबधूत स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा पंचाग्नि साधना सुरु हुई, जिसका समापन लगभग 25 मई 2025 को आश्रम मे होगी | यह साधना ,साधक 4 अग्नि कुंड के बीच मे बैठकर कठिनाइयों के सहित निरंतर और नियंत्रण के साथ समाधि तपस्या में शिव तत्त्व में मिल जाता है यह तपस्या माँ भैरवी पार्वती जी ने सुरू की थी, भगवान भैरव शिव तत्व में मिल जाने के लिए और ब्रह्म ज्ञान की साक्षातकार होती है।
जीवात्मा की संसार से मुक्ति हो जाती है। यह साधना छान्दोग्य उपनिषद, शैव दर्शन, अग्नि पुराण, तंत्र शास्त्र ,अघोरी विद्या में पाया गया है।
यह साधना दश महाविद्या की तंत्र गुप्त साधना में गिना जाता है। यह साधना अघोर विद्या भी माना जाता है।
पांच अग्नि को काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद्य के रुप मे माना जाता है यह साधना में ईश पांच अग्नि को, साधना करते हुए, साधक अपने संयम कर के वशीभूत कराता है और सारे इन्दिय को अपने वशीभूत भी कराता है।
यह साधना विश्व की कल्याणार्थ की मार्ग पुरुषार्थ कराता है | यह साधना उत्तरायण से शुरू होकर दक्षिणायण 6माह के बाद समापन होगी।
सभी भक्तजन इस कार्य में भागलिए। इस अवसर पर आश्रम मे मकर संक्रांति की खिचड़ी प्रसाद बांटा गया।
स्वामी औंकारआनंद, पंडित पुरुषोत्तम ,भावना, हरीश,ज्योति बर्थवाल ,भीम सिंह, राजीव योगाचार्य, कैरोलिना आदि ने सेवा दी।
