

प्रयागराज 20 फरवरी
गजेंद्र सिंह
महाकुम्भ के अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर में हिन्दूजा परिवार का आगमन हुआ। इस दौरान उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती से भेंट की। इस अवसर पर पर्यावरण के संरक्षण और सतत विकास पर चर्चा हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति पर्यावरण के संरक्षण और संतुलित जीवन का संदेश देती है। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हिन्दूजा परिवार ने स्वच्छता कर्मियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भोजन प्रसाद परोसा। स्वामी जी ने कहा कि भंडारा सेवा मानवता की सेवा का भाव जागृत करती है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी संस्कृति और परंपराएँ हमें पर्यावरण के साथ तालमेल में रहने का संदेश देती हैं। हमें इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का कर्तव्य निभाना होगा।
महाकुम्भ की धरती पर आकर हिन्दूजा परिवार गद्गद हुआ। उन्होंने संगम में डुबकी लगायी और कहा कि अगर भारत व भारतीय संस्कृति के दर्शन करना है तो प्रत्येक व्यक्ति को संगम की धरती पर आना चाहिये।
