

देहरादून 12 अप्रैल
गजेंद्र सिंह
बद्रीनाथ में भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए तिलों के तेल का कलश (गाडू घड़ा) यात्रा का शुभारंभ 22 अप्रैल को नरेंद्रनगर से होगा। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण पड़ाव होंगे, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं।
*यात्रा का कार्यक्रम:*
– *21 अप्रैल*: डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि गाडू घड़ा लेकर डिम्मर से शाम ऋषिकेश पहुंचेंगे।
– *22 अप्रैल*: प्रतिनिधि सुबह नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार पहुंचेंगे, जहां रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह के साथ सुहागिन महिलाएं पीत वस्त्र धारण कर परंपरागत रूप से तिलों के तेल पिरोकर चांदी के घड़े में रखेंगी। शाम को राजा मनुजयेंद्र शाह तेल कलश यात्रा को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना करेंगे।
– *23 अप्रैल*: ऋषिकेश में रेलवे रोड स्थित बीकेटीसी की चेला चेतराम धर्मशाला में गाडू घडा की पूजा-अर्चना होगी। दोपहर तक श्रद्धालु दर्शन के साथ ही प्रसाद ग्रहण करेंगे। शाम को कलश यात्रा रात्रि विश्राम के लिए मुनिकीरेती शत्रुघ्न मंदिर रवाना होगी।
– *24 अप्रैल*: कलश यात्रा श्रीनगर पहुंचेगी।
– *25 अप्रैल*: कलश यात्रा लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर गांव पहुंचेगी।
– *30 अप्रैल*: यात्रा गरूड़ गंगा पाखी पहुंचेगी।
– *1 मई*: नृसिंह मंदिर जोशीमठ में प्रवास।
– *2 मई*: गाडू घड़ा यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी के साथ योगबदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेगी।
– *3 मई*: देव डोलियां पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी, गाडू घड़ा, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ रावल बदरीनाथ धाम पहुंचेंगी।
– *4 मई*: प्रातः 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।
*विशेष जानकारी:*
– केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार, 2 मई को खुलेंगे।
– बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले गाडू घड़ा यात्रा के दौरान विभिन्न धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना और रात्रि विश्राम होगा।
गाडू घड़ा यात्रा का महत्व भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए तिलों के तेल की व्यवस्था से जुड़ा है, जो धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
