

देहरादून 10 फरवरी
गजेंद्र सिंह
उत्तराखंड सरकार की एक अनोखी पहल ने पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा जैसी ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली युवतियों को ड्रोन तकनीशियन बना दिया है। यह संभव हो पाया है आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स के माध्यम से, जो अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए विशेष रूप से संचालित किया जा रहा है।
इस कोर्स के तहत, 52 युवतियों को 37 दिन में 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें ड्रोन असेम्बलिंग, रिपेयरिंग और फ्लाइंग तक का काम शामिल है। सरकार की ओर से प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक उठाया जा रहा है।
कोर्स के बाद, प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, साथ ही प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों को निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा।
यह पहल न केवल युवतियों को तकनीकी कौशल प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार करने और आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान करने के अवसर भी प्रदान कर रही है।
