यमकेश्वर 25 अगस्त
गजेंद्र सिंह
यमकेश्वर विकासखंड के तालघाटी क्षेत्र में राजा जी टाइगर रिजर्व की बंदिशों के कारण विकास कार्य ठप है। क्षेत्र की सहायक नदियों सहित बीन नदी में पुल न होने के कारण क्षेत्र का ऋषिकेश से संपर्क कट जाता है।
इसी के चलते शुक्रवार को गुजराड़ी गाँव के मंगत सिंह की तबीयत बिगड़ गई। जिसके चलते ग्रामीणों ने मंगत सिंह को कुर्सी के डंडे की मदद से 12 किलोमीटर सफर 4 घंटे में तय कर ढोसण गाँव तक पहुंचा। उम्मीद थी कि समय पर अस्पताल पहुंचने के बाद ठीक होकर मंगत सिंह वापस गांव आएंगे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। मंगत सिंह का समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। मंगत सिंह को कुछ वर्षों से किडनी में दिक्कत थी जिस कारण समय-समय पर इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ता था। शुक्रवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई बरसात में क्षेत्र की त्याड़ नदी उफान पर रहती है। जिससे यहां यातायात पूरी तरह तप रहता है, मंगत सिंह की हालत खराब होते देख ग्रामीणों ने कुर्सी की मदद से 12 कमी का सफर तय कर ढोसण तक लाए। इस सफर को तय करने में ग्रामीणों को 4 घंटे का समय लगा। यहां सड़क तो है लेकिन उसे पर डामर नहीं है ग्रामीणों ने यहां पहुंचकर 108 सेवा को फोन किया लेकिन 108 सेवा कर्मियों ने कच्ची सड़क पर एंबुलेंस सेवा संचालित न किए जाने का नियम बताते हुए आने से मना कर दिया। जिस पर ग्रामीणों ने मंगत सिंह को यहां से टैक्सी में 10 किमी दूर दिल्ली पहुंचा। और 2 घंटे का इंतजार करने के बाद एंबुलेंस सेवा पहुंची। इसके बाद मंगत सिंह को राजकीय उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचाया गया। सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर किया। शनिवार को मंगत सिंह ने दोपहर 2:30 बजे दम तोड़ दिया। गुजराड़ी गांव में मंगत सिंह के परिवार में बुजुर्ग माता पत्नी और बेटा है। बेटा दसवीं कक्षा में पड़ता है उनके भाई अमर सिंह ने बताया की समय पर भाई को इलाज मिल जाता तो शायद उनकी जान बच जाती।