

देहरादून 4 जनवरी
गजेंद्र सिंह
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर शुरू किए गए “गांव को गोद लें” कार्यक्रम में विदेशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों ने रुचि दिखाई है। कई प्रवासियों ने अपने लिए गांव चिह्नित किए हैं और राज्य सरकार के समक्ष चिह्नित गांवों के विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया है।
*कुछ प्रमुख योगदान*
– चीन निवासी देव रतूड़ी ने टिहरी जिले में सुनार गांव और कमैरा सौड़ गांव में सोलर लाइट लगाने, युवाओं को चीन की होटल इंडस्ट्री में रोजगार दिलाने और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने की इच्छा जाहिर की है।
– अमेरिका में निवासरत उद्यमी शैलेश उप्रेती ने अल्मोड़ा जिले में स्थित मनान गांव में अपनी कंपनी का इंडिया कॉरपोरेट ऑफिस खोलने और एनर्जी स्टोरेज सेंटर खोलने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया है।
– यूएई में निवासरत टिहरी जिले के मूल निवासी विनोद जेठूड़ी ने उत्तरकाशी जिले के सीमांत ओसला गांव में स्किल ट्रेनिंग और पिथौरागढ़ निवासी गिरीश पंत ने बजेट और बरसायत गांवों में शिक्षा, कम्प्यूटर एजूकेशन के साथ ही स्थानीय उत्पादों का बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की इच्छा जाहिर की है।
*कार्यक्रम के उद्देश्य*
योजना का उद्देश्य प्रवासी उत्तराखंडियों की विशेषज्ञता, अनुभव और वित्तीय सहायता से गांव का सर्वागींण विकास करना है। यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है, प्रवासीजन अपने या किसी भी गांव का चयन कर सकते हैं।
*कार्यक्रम की प्रक्रिया*
राज्य सरकार प्रवासियों के साथ चर्चा कर आपसी सहमति के आधार पर गांव के विकास के लिए आरम्भिक 2-3 वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार करती है। इसके लिए प्रवासियों एवं स्थानीय प्रशासन के मध्य एमओयू भी किए जाने का प्रावधान है। प्रवासियों द्वारा चिह्नित गांव में शिक्षा, इंटरनेट कनेक्टिविटी, छात्रवृत्ति, उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने जैसे कार्य किए जा सकते हैं। निर्माण गतिविधियाँ केवल अपरिहार्य व आवश्यक परिस्थितियों में ही किए जाने का प्रावधान है। जिलाधिकारी चिह्नित गांव में चल रहे कार्यक्रमों की निगरानी करते हुए, इसे मॉडल गांव के तौर पर विकसित करेंगे।
