कस्याली 16 दिसम्बर
गजेंद्र सिंह
यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम कस्याली में किसानों को ताराचंद बेलजी तकनीक के माध्यम से जैविक खेती करने के लिए एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का संचालन सुनील कांत के द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष ताराचंद बेलजी ने किसानों को वृक्षायुर्वेद कृषि, पंचमहाभूत पर आधारित प्राकृतिक कृषि के बारे में जानकारी दी।
ताराचंद बेलजी ने बताया कि उनकी तकनीकी कृषि परंपरा भारत की सबसे प्राचीन कृषि ज्ञान है, जो कि भारत की मूल विरासत है। इसे आधुनिक कृषि के साथ जोड़कर विकसित किया गया है जिसे ताराचंद बेलजी तकनीकी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि किसानों को रासायनिक खेती की चकाचौंध को छोड़कर जैविक खेती करनी चाहिए, जिससे कि जहरीली रासायनिक फसल से लोगों को निजात मिल सके। ताकि हमारा समाज स्वस्थ रहे। साथ ही, उन्होंने किसानों को भूमि में ऊर्जा बढ़ाने की विधि, भूमि में अणु बढ़ाने की विधि, और भूमि में जीवाणु बढ़ाने की विधि के बारे में जानकारी दी।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की रिसर्चर निवेदिता सिंह खत्री ने भी किसानों को जैविक कृषि के बारे में जानकारी दी और महिलाओं को थेरेपी योग के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह छोटी-छोटी बीमारियों को स्वयं योग के माध्यम से दूर किया जा सकता।
कार्यक्रम में योगी राजीव खत्री, प्रशांत बडोनी, मीना देवी, अमित कुमार, संतोष बडोनी, सुनील कांत और समस्त किसान उपस्थित रहे।